आज भी वो गुजरा जमाना याद करता हूँ बैठकर माँ पिता संग खाने को तरसता हूँ आज भी वो गुजरा जमाना याद करता हूँ बैठकर माँ पिता संग खाने को तरसता हूँ
वफा जमाना सीखे तो बताऊँ कि मैंने सम्हाला, सौंप कर आगोश, जिसकी भी अकेली रात आ गई। वफा जमाना सीखे तो बताऊँ कि मैंने सम्हाला, सौंप कर आगोश, जिसकी भी अकेली ...
दिल ने सुनी वो दिल की बातें जो मेरा दिल समझता है दिल ने सुनी वो दिल की बातें जो मेरा दिल समझता है
फ़ुरकत ए गम की वो दास्तान क्या कहें बंज़र हुआ दिल ए गुलिस्तान क्या कहें फ़ुरकत ए गम की वो दास्तान क्या कहें बंज़र हुआ दिल ए गुलिस्तान क्या कहें
भला, बचपन जीने का अवसर कहाँ फ़िर से मिला करता है। भला, बचपन जीने का अवसर कहाँ फ़िर से मिला करता है।
रेत के घरौंदे, बिखरे नहीं ,खड़े हैं , रास्ता निहारते, गिल्ली, डंडा वही पड़े हैं, गुड रेत के घरौंदे, बिखरे नहीं ,खड़े हैं , रास्ता निहारते, गिल्ली, डंडा वही पड़े हैं...